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Nayana Anand ki safalta ki kahani

केले की खराब होती फसलों से बना दिया गुलाब जामुन समेत कई डिस, अब किसानों की फसल बर्बाद नही होती

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Success story:

कर्नाटक के किसानों के मुख्य फसल सुपारी और नारियल है। लेकिन आय के अतिरिक्त स्त्रोत के लिए लोग केले की भी खेती करते हैं।

मालूम हो केला भारत का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण फल है। हर साल किसान लोग केले से अच्छी कमाई करते हैं। कर्नाटक में इस साल के लिए की अच्छी फसल हुई है।

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जिसकी वजह से उसकी कीमत के निर्धारण में कंपटीशन नजर आ रहा है। लेकिन कई किसान ऐसे हैं जिन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

कई किसान तो ऐसे हैं जिन्हें अपनी उपज के लिए ₹4 से ₹5 प्रति किलो के भाव भी नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में कई परेशान किसान अपनी उपज को मवेशियों को खिला दे रहे हैं।

43 वर्षीय नैना आनंद भी सुपारी और नारियल की जैविक खेती करने वालों में गिनी जाती है। उन्होंने अपने सामने किसानों का यह मंजर देखा है।

उन्होंने देखा कि किसान अपनी फसल को बांट रहे हैं। क्योंकि वह अपनी फसल को बेचने में असमर्थ हैं। तो वह अपनी फसलों को बांटने लगे।

मार्च के अंत तक नैना आनंद के पास केले के 10 गुच्छे थे। नैना बताती है कि वह केले को बर्बाद होने से रोकने के लिए अनूठा समाधान खोजी।

विशेषज्ञों से सीखा :-

नैना बताती है कि वह केले को बर्बाद होने से बचाने के लिए केले के तरह-तरह के व्यंजन जैसे बड़ा पाव और मिठाईयां बनाती है। इसी बीच उन्हें केरल में कटहल के अधिक उत्पादन के बारे में पता चला।

उन्होंने देखा कि लोग उसे सुखाकर पाउडर बनाते हैं। तब नैना के दिमाग में पक्के केले का पाउडर बनाने का विचार आया।

आमतौर पर कच्चे केले का पाउडर बाजार में मिल जाता है। लेकिन पके हुए केले का पाउडर भी बनाया जा सकता है, इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। तब उन्होंने कर्नाटक के जाने-माने पत्रकार श्री पाद्रे सर से संपर्क किया।

व्हाट्सएप्प ग्रुप पर मिली मदद

एनी टाइम वेजिटेबल ग्रुप के माध्यम से नैना ने अनुरोध किया कि उन्हें पके केले का आटा बनाना सीखना है।

तब एक रिसर्चर ने नैना से संपर्क किया और बेहद आसान तरीके से स्टेप बाय स्टेप सारी डिटेल समझाई। आज नैना पके हुए केले का आटा बनाकर उसे बेच रही है।

वह कहती है कि पके हुए केले का आटा एक हफ्ते के भीतर तैयार हो जाता है। अब वह कच्चे और पके दोनों तरह के केलों का आटा बनाने लगी है।

आइए जाने कैसे बनाएं –

  • 800 मिलीलीटर पानी में 200 मिलीलीटर चावल के पानी का घोल तैयार कर लें।
  • घोल में 10 ग्राम नमक मिला लें
  • कच्चे और पके केले को छान लें
  • इन्हें घोल में आधे घंटे के लिए भिगो दें और छोटी-छोटी स्लाइड कर ले।
  • इन्हें 2 दिन तक धूप में सुखाएं और फिर ब्लेंडर में उस स्लइड को पाउडर कर लें और एयरटाइट कंटेनर में स्टोर कर ले।

वह कहती हैं कि यदि अधिक मात्रा में आटा बनाना है तो आटा चक्की पर भी इसका पाउडर बनाया जा सकता है। इनकी शेल्फ लाइफ 6 महीने की होती है।

वहीं सूखे केले के स्लाइड को 1 साल से अधिक समय तक स्टोर करके रखा जा सकता है।हालांकि इन्हें हर 2 महीने में सुखाना जरूरी होता है। इस आटे का प्रयोग करके कई तरह की डिशेस बनाई जा सकती है।

आसपास के किसान हुए प्रेरित-

नैना ने कच्चे और पके केले की आटा बनाने के साथ ही उन्हें बनाने के वॉइस स्टेप को भी बताया। साथ ही उससे बने कुछ व्यंजनों के बारे में भी लोगों को जानकारियां दी। जिससे आसपास के कई किसान परिवार प्रेरित हुए और अपने घरों में केले का आटा बनाना शुरू किया।

इस तरह से किसान अपनी फसलों को बर्बाद होने से बचाने लगे और उन्हें अब अपने उत्पादों को सस्ते दाम पर बेचने की चिंता नहीं रहती है। वह उसका आटा बनाकर इसे लंबे समय तक स्टोर कर सकते हैं और अच्छा पैसा भी कम आने लगे हैं।

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