मार्च 30, 2023

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Pragatisheel kisan Ayodhya Bind

Pragatisheel kisan Ayodhya Bind

आइए जानते हैं आखिर किस प्रकार झारखंड का किसान बन गया मालामाल, दूसरे भी पहुंच रहे हैं इनकी सफलता की कहानी को जानने और समझने

हमारी आज की कहानी है झारखंड के रहने वाले एक ऐसे किसान की जिसने खेती को अपना पूरा करियर बना दिया और खेती से आज इतना कमा रहे हैं पूरा परिवार कर रहा है खुशहाली से जीवन यापन इतना ही नहीं इनकी सफलता की कहानी को जानने के लिए और समझने के लिए कई लोग बाहर से आ रहे हैं।

मेराल थाना क्षेत्र के अरंगी गांव में रहने वाले अयोध्या बि‍ंद ने इस बात को साबित कर दिया है कि कोई भी व्यक्ति अपने साहस और समर्पण के बल पर कठिन से कठिन लक्ष्य को हासिल कर सकता है।

अयोध्या बि‍ंद ने पारंपरिक कृषि को छोड़कर आधुनिक कृषि पर बल देकर एक नया मुकाम हासिल किया है और किसानों को आधुनिक कृषि के लिए प्रेरित भी किया है।

कई लोगों के बीच बन गए हैं प्रेरणा स्रोत

अयोध्या बि‍ंद पारंपरिक खेती जैसे गेहूं मक्का धान चावल की खेती को छोड़कर आधुनिक खेती कैसे स्ट्रॉबेरी, स्वीटकॉर्न रेड, फ्रेंच बींस, इसके साथ ही साथ अनेक प्रजातियों के पपीते आदि की खेती करके लोगों के बीच में प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।

अयोध्या बि‍ंद तो खुद आधुनिक खेती कर ही रहे इसके साथ ही साथ अन्य कई किसानों को आधुनिक खेती करने की प्रेरणा भी दे रहे हैं।

अयोध्या बि‍ंद बताते हैं कि वे अपने घर के आस-पास स्थित 3 एकड़ की जमीन में मौसम के अनुसार भिन्न-भिन्न तरह की आधुनिक फसलों को उगाते हैं।

अयोध्या बि‍ंद का कहना है कि अब उन्होंने खेती के क्षेत्र में इतनी तरक्की कर ली है कि अब उनका उच्च शिक्षित पुत्र खेती करने में जुड़ गया है।

इस प्रकार मिली नई पद्धति की जानकारी

अयोध्या बताते हैं कि उन्हें आधुनिक खेती करने की प्रेरणा कृषक विभाग के द्वारा आयोजित किया गया किसानों के लिए एक प्रशिक्षण शिविर जिसमें सभी किसानों को पुरानी परंपरागत कृषि को छोड़ कर आधुनिक कृषि को अपनाने के लिए बताया जा रहा था।

अयोध्या बताते हैं कि तब मुझे इस बात से प्रेरणा मिली और मैंने आधुनिक खेती करने का निश्चय किया और इस दौरान कृषक विभाग नई तकनीक को संचालित करने के लिए तकनीकी मशीन निशुल्क दे रहे थे।

अयोध्या कहते हैं कि यही कारण था कि मुझे आधुनिक खेती के लिए किसी भी आर्थिक मदद की आवश्यकता नहीं पड़ी क्योंकि कृषि विभाग द्वारा सभी उपकरण निशुल्क मुझे दे दिए गए थे, और इस कारण ही मेरा हौसला और प्रबल होता गया।

अयोध्या कहते हैं कि भले ही काफी समय लगा लगभग 2 से 3 साल तक हम कृषि करते रहे परंतु आज हम बेरोजगार से आत्मनिर्भर बन गए हैं और कृषि के क्षेत्र में काफी अधिक दक्षता भी हासिल कर ली है।

इस वक्त अयोध्या बि‍ंद की लहरा रही है फसलें

आज अयोध्या के खेतों में उनकी सारी फसलें काफी अधिक लहरा रही है, अयोध्या की प्रेरणा को लेकर आज सदन कुमार प्रजापति जो पेशे से एक शिक्षक है वह भी खेती से जुड़कर आधुनिक खेती कर रहे हैं एवं शशीकांत प्रजापति ,चंद्रकांत प्रजापति, पुरानी कृषि पद्धति को छोड़कर आधुनिक कृषि पद्धति से जुड़ गए हैं।

आधुनिक खेती की शुरुआत करने से आज इन सभी का परिवार खुशी हाल जीवन यापन कर रहा है और बेरोजगारी को मात देकर आत्मनिर्भर होकर जी रहा है।

इनमें से कई किसानों ने इंटरक्रॉपिंग पद्धति का भी प्रयोग किया है इस पद्धति में एक ही खेत में दो तरह की फसलें उगाई जा सकती हैं। इस पद्धति को अपनाने का उद्देश्य यही होता है कि कम खर्च में अधिक उपज को उगाया जा सके।

इंटरक्रॉपिंग पद्धति का उपयोग करके बनाई है कृषि क्षेत्र में अपनी पहचान

अयोध्या बि‍ंद चंद्रकांत प्रजापति ने अपने खेतों में इंटरक्रॉपिंग पद्धति का उपयोग करके पपीते के साथ मिर्च और टमाटर को उगाया है केवल इतना ही नहीं उन्होंने इन दोनों के बीच में अरहर भी उग आया है।

अयोध्या बि‍ंद कहते हैं कि सबसे पहले हमने आधुनिक कृषि के तकनीको को सीख कर और उपकरणों की सहायता से आधुनिक कृषि करने का निश्चय किया उसके बाद जब हमारी फसलें होने लगी और सब अच्छे से चल रहा था तब हमने यह सोचा कि क्यों ना हम इंटरक्रॉपिंग पद्धति का इस्तेमाल करके कम खर्च में अधिक फसल उगाए।

अयोध्या बि‍ंद कहते हैं कि इंटरक्रॉपिंग से जुड़ी सभी जानकारियों के लिए कृषक विभाग के अजय साहू ने हमारी काफी मदद की उन्होंने हमें सारी जानकारी उपलब्ध करवाई और इंटरक्रॉपिंग से फसल उगाने के लिए हमारी काफी अधिक मदद भी की थी।

चंद्रकांत प्रजापति एवं अन्य कई लोग से पता चला है कि वह अयोध्या की तरक्की से प्रेरणा लेकर एवं उनकी आधुनिक पद्धतियों को सीख कर साथ ही साथ इंटरक्रॉपिंग पद्धति का उपयोग करके आज बेरोजगारी को मात देकर अपने परिवार का पालन पोषण काफी अच्छे से कर रहे हैं।

अयोध्या बताते हैं कि आज वह आधुनिक खेती के बल पर अपनी उगाई हुई फसलों का निर्यात करके अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं।

अयोध्या 500 रुपए प्रति किलो की दर से बेच रहे हैं सबसे अधिक स्ट्रॉबेरी

अयोध्या कहते हैं कि स्टोबेरी का फल हम अक्टूबर के महीने में खेतों में लगाते हैं और दिसंबर के महीने में हमें अच्छी फसल मिल जाती है।

अयोध्या बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी कई तत्वों से भरपूर होती है जैसे आयोडीन, हिमोग्लोबिन, विटामिन ई, इत्यादि एवं स्ट्रॉबेरी को प्रतिदिन खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता मैं लगातार वृद्धि होती है, एवं यही कारण है कि स्ट्रॉबेरी की कीमत 400 से 500 रुपए प्रति किलो की दर पर होती है।

अयोध्या कहते हैं कि स्थानीय बाजार में कीमत सही नहीं मिल पाती है इसलिए बाहर के बाजारों में इसकी कीमत अच्छी मिलती है और अच्छी कमाई भी हो पाती है इन्होंने अपने खेतों में स्वीटकॉर्न को भी उग आया है और स्वीटकॉर्न की कीमत भी बाहरी क्षेत्रों के बाजार में अधिक हो पाती है।

अयोध्या बताते हैं कि अब वे खेती करके काफी अच्छी कमाई कर लेते हैं, आज इनकी खेती की कमाई को देखकर लोग इनसे प्रेरणा लेते हैं और आधुनिक खेती को अपनाते हैं।

अयोध्या बि‍ंद ने आज यह साबित कर दिया है कि खेती मैं अगर आप अपना करियर बनाना चाहे तो यह हो सकता है क्योंकि खेती मुनाफे का सौदा बन सकती।

अयोध्या बि‍ंद ने आज आधुनिक खेती को अपनाकर कृषि के क्षेत्र में दक्षता हासिल की है और कई किसानों को इसकी शिक्षा देकर उन्हें बेरोजगार से आत्मनिर्भर बना दिया है।

लेखिका :अमरजीत कौर

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