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TABP Snacks and Beverage Success story in Hindi

कम आय वालों को ध्यान में रखकर कोल्ड ड्रिंक का बिजनेस किया शुरू और कमाए 35 करोड़

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TABP Snacks and Beverage Success story in Hindi:-

The fortune at the bottom of the pyramid 2004 नाम की अपनी पुस्तक में मिशीगन विश्वविद्यालय के बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर सीके प्रह्लाद ने बाजार में मुनाफा कमाने के लिए और ग्रामीण तथा पिछड़े समुदाय के लोगों की जानकारी व जारी क्षमता को ध्यान में रखकर गरीबी हटाने की बात की है।

ऐसे समुदाय जिनकी मासिक आय बहुत ही कम है उनकी खरीदारी की क्षमता को कैसे बढ़ाया जाए, इस पुस्तक में बताया गया है। TABP Snacks and Beverage  के फाउंडर प्रभु गांधी कुमार इस बारे में जवाब देते हैं।

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कोयंबटूर तमिलनाडु में स्थित उनकी 5 साल पुरानी यह कंपनी सिर्फ ₹5 में स्नेक्स और ₹10 में कोल्ड ड्रिंक भेजती है। उनके प्रमुख ग्राहक पिछड़े और ग्रामीण समुदाय के लोग हैं।

पिछले साल इस कंपनी ने 35.5 करोड रुपए का मुनाफा कमाया था। जो इस साल 2017 के मुकाबले 350% से भी अधिक है। अगर उनके प्रोडक्शन की बात की जाए तो उनके प्रोडक्ट आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना के स्थानीय दुकानों, पेट्रोल पंप, सुपर मार्केट में आसानी से देखे जा सकते हैं।

धीरे-धीरे इस कंपनी ने अपना बिजनेस उड़ीसा में भी बढ़ाया और आने वाले समय में यह कंपनी अपने प्रोडक्ट को महाराष्ट्र और गोवा में भी बेचने का प्लान कर रही है।

प्रभु गाँधी बताते हैं कि किसी भी बिजनेस में सफलता के लिए ग्राहकों की जरूरतों को समझना चाहिये। जब तक आप को सही बिजनेस मॉडल नहीं मिल जाता है तब तक आप को नुकसान में ही रहना होता है।

कभी-कभी यह पूरी प्रक्रिया बेहद महंगी और थका देने वाली होती है। लेकिन जब आप 40 करोड़ ग्राहकों के लिए काम करते हैं जो कि लगभग अमेरिका की आबादी के बराबर है तो मुनाफा कमाने के लिए आपको बड़े पैमाने पर उत्पादन करना जरूरी हो जाता है। आज उनकी कोल्ड ड्रिंक की उत्पादन क्षमता 1200 बॉटल प्रति मिनट है। इस हिसाब से हर साल हुआ लगभग 2.4 करोड़ बोतल बनाते हैं।

परिचय :-

प्रभु गाँधी ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की है और बिजनेस फैमिली से संबंध रखते हैं। उन्होंने पहले से ही यह डिसाइड कर लिया था कि वह फैमिली बिजनेस से जुड़ेंगे।

लेकिन फैमिली बिजनेस संभालने से पहले उन्होंने एक निजी फॉर्म में कंसल्टेंट के तौर पर भी काम किया। वह 6 साल तक अमेरिका में भी रहकर काम किए हैं और उसके बाद 2012 में अपने पिता के बिजनेस में जुड़ें।

शुरुआत में प्रभु अपने काम से खुश नहीं थे। वह एफएमसीजी इंडस्ट्री सहित दूसरे क्षेत्र में अवसर की तलाश कर रहे थे। एक दिन उनके साथ मंदिर में एक घटना घटी है और उन्हें बिजनेस का आइडिया मिल जाता है।

वह बताते हैं कि अमेरिका में उन्होंने देखा कि लोग पैक्ड फूड का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। विदेश में रहते उन्होंने देखा पैक्ड फ़ूड का भविष्य संभव है। उन दिनों पैक्ड फूड का चलन भारत में भी धीरे-धीरे बढ़ रहा था।

लेकिन स्नेक्स से जुड़े स्टार्टअप सिर्फ मिडिल क्लास और अपर मिडिल क्लास के लोगों को ध्यान में रखकर प्रोडक्शन कर रहे थे। तब उनके मन में इस क्षेत्र में कुछ करने का आइडिया आया।

वह बताते हैं कि एक दिन वह कोयंबटूर के एक गांव में एक बच्चों को खेलते वक्त कोल्ड्रिंक खरीदते हुए देखा। उसके बाद लड़का अपने दोस्तों के साथ मिलकर कोल्ड ड्रिंक पीने लगा। उन्होंने देखा कि उसने कोल्ड ड्रिंक की बोतल को ऐसे पकड़ा हुआ था जैसे कोई स्टेटस सिंबल हो।

उसी वक्त उन्होंने यह महसूस किया कि गांव के पिछड़े समुदाय के लोग जो रोजाना मात्र ₹100 मुश्किल से कम आप आते हैं वह 30 या उससे अधिक कीमत वाली कोल्ड ड्रिंक नहीं खरीद सकते। हालांकि वे ऐसी चीजों को खरीदना चाहते हैं।

तब प्रभु और उनकी पत्नी वृंदा विजयकुमार ने जमीनी स्तर पर इसके लिए रिसर्च किया और गांव में गर्मियों के मौसम में दिहाड़ी मजदूरो पर रिसर्च किया। पाया कि ऐसे में लोगों को कोल्ड ड्रिंक पीना काफी पसंद है।

लेकिन कीमत ज्यादा होने के कारण वे अपनी इस इच्छा को पूरा नहीं कर पाते हैं। इस दंपत्ति ने गांव कि लोगों का स्वाद का भी ध्यान रखा और देखा कि लोग जीरा फ्लेवर के कोल्ड ड्रिंक को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

2016 में इस दंपत्ति ने ₹10 की कीमत में आम और सेब के जूस plunga नाम से लांच हुआ। उसके अगले साल उन्होंने संतरा, केला, खीरा, नींबू और सफेद नींबू के फ्लेवर वाले कार्बोनेटेड ड्रिंक को भी मार्केट में उतार दिया।

2 साल के बाद भारत में अंतरराष्ट्रीय डायल कोड से प्रेरणा लेकर उन्होंने स्नेक्स 91 को लॉन्च कर दिया जिसमें उन्होंने टैंगी टमैटो, फ्राइड पास्ता, मैजिक मसाला जैसे फ्लेवर्स को भी शामिल किया और हर स्नेक की कीमत मात्र ₹5 रखी और इनका वजन 100 ग्राम रखा।

ग्राहकों की जरूरत पर ध्यान दिया :-

TABP Snacks and Beverage कोल्ड्रिंक और स्नैक्स की कीमत भले ही कम है। लेकिन कंपनी ने कभी भी पैकेजिंग और गुणवत्ता के मामले में कमी नहीं की। इनकी पैकेजेस अन्य दूसरी मल्टीनेशनल कंपनी के ब्रांड की तरह ही आप देख सकते हैं।

कंपनी ने बिक्री को बढ़ाने के लिए लोकल डिसटीब्यूटर्स को अपने साथ शामिल किया। जिससे ग्राहकों की सीधी प्रक्रिया हासिल करने में मदद मिली।

वृंदा बताती हैं कि लोकल डिस्ट्रीब्यूटर के सामने लोग किसी भी चीज के बारे में खुलकर आलोचना करते हैं या फिर प्रशंसा करते हैं जिससे उनकी जरूरतों को समझने में काफी मदद मिलती है।

उदाहरण के लिए एक डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से हमने यह जाना कि गांव के कुछ लोग तंबाकू खाते हैं। तंबाकू खाने की वजह से उनकी जीभ सुन्न पड़ जाती है। इस कारण से उन्हें नमकीन मसालेदार स्नेक्स और ज्यादा मीठा कोल्डिंग काफी पसंद आता है।

तब उन्होंने ड्रिंक्स को ज्यादा मीठा और स्नैक्स को ज्यादा मसालेदार बना दिया। वह बताती हैं कि उन्होंने अपने प्रोडक्ट को सोशल मीडिया या कही पर भी ज्यादा पैसे खर्च करके मार्केटिंग नहीं की आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने सिर्फ 86 लोगों की एक छोटी सी टीम बनाई और उनकी मेहनत रंग लाई।

यह कंपनी आज अपने लोकल डिस्ट्रीब्यूटर के साथ मिलकर काम कर रही है। उनके प्रोडक्ट को करीब 119000 दुकानों पर भेजा जा रहा है। उनके पास विश्लेषकों की एक टीम है जो खरीददारों के तरीकों और मांगों का विश्लेषण करती है।

साथ ही लॉजिस्टिक्स और ऑर्डर को भी ट्रैक करती है। कंपनी को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण से भी मान्यता प्राप्त है।

अब यह कंपनी तमिलनाडु में 6 कारखाने खोल ली है जो कोल्डड्रिंक बनाने का काम करती है। जिसमें जीरा मसाला, पनीर डोसा, कोला आदि के फ्लेवर शामिल है।

अगले 4 सालों में यह दंपत्ति अपने प्रोडक्ट को 5 लाख दुकानों तक पहुंचाना चाहती है जिससे उन्हें 200 करोड़ का राजस्व प्राप्त हो। वह आने वाले दिनों में भी बाजरा ज्वार जैसे हेल्दी स्नैक्स बाजार में उतारने के लिए योजना बना रहे हैं।

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