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गांव में पली-बढ़ी किसान की बेटी आज रोबोट और ड्रोन बना रही है और अपने काम को विदेश तक पहुंचा रही

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आज हम बात करने वाले हैं राजेश्री देवतालू  ( Rajeshree Deotalu ) के बारे में, राजेश्री  देवतालू का कहना है कि भले ही मैं गांव में पली-बढ़ी थी परंतु हमेशा से कुछ बड़ा करने की सोच थी आसान चीजें कभी मुझे जल्दी समझ नहीं आती थी परंतु कुछ भी कॉम्प्लिकेटेड चीज मैं जल्दी सुलझा देती थी।

राजेश्री कहती है कि मैं शुरू से ही एक ऐसा प्रोडक्ट तैयार करना चाहती थी जो लोगों की मदद करें उनके कामों को आसान बनाएं, और आज राजेश्री ड्रोन और कैमरे की दुनिया में अपना बड़ा नाम बना रही है ।

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बचपन से ही साइंटिस्ट बनना चाहती थी

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें राजेश्री  महाराष्ट्र के नांदुरा  गांव की रहने वाली है ,राजेश्री के पिता किराने की दुकान चलाते थे और खेती करते थे और इनकी माता घर संभालती थी ।

वह कहते हैं कि मेरे दो छोटे भाई भी थे और मैं उनकी बड़ी बहन , राजेश्री का छोटा सा परिवार है परंतु उनकी सपनों का कद काफी बड़ा था, राजेश्री को बचपन से ही एक साइंटिस्ट बनना था।

उन्होंने दसवीं की पढ़ाई की है और अब्दुल कलाम और  अल्बर्ट आइंस्टीन की सभी किताबों को पढ़ डाला था , राजेश्री मैथ और साइंस सबसे लोकप्रिय विषय था ।

गांव से निकलकर बड़े शहर में आ गई

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि राजेश्री अपनी 11वीं और 12वीं की पढ़ाई गांव के कुछ दूरी पर अकोला में पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने एनआईटी नागपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई को पूरा किया।

वह बताती है कि मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई तो कर रही थी परंतु मुझे किसी भी प्रकार की दिलचस्पी नहीं लग रही थी मैंने बहुत कोशिश की, मैं रोज क्लास भी जाती थी परंतु अकेले बैठी रहती थी नहीं लग पा रहा था 1 दिन वर्कशॉप हुआ और रोबोट को बनाने के तरीके को देख मेरे मन में दिलचस्पी आ गई ।

रोबोट बनाने में आई दिलचस्पी

राजेश्री आईवी लैब्स के जरिए रोबोट की दुनिया में प्रवेश किया , राजेश्री कहती है कि इस क्षेत्र  में मुझे काम करना इसलिए अच्छा लग रहा था क्योंकि यहां पर रोबोट तैयार किए जाते थे । यहां पर कई प्रकार के छोटे-छोटे रिपोर्ट को तैयार किया जाता था इस दौरान ही मैंने निश्चय कर लिया कि मैं अपना कैरियर इस फील्ड में बनाऊंगी ।

राजेश्री बताती है कि आईवी लैब्स मैं मेरे दोनों लोकप्रिय विषय शामिल थे मैथ्स और साइंस , दूसरा इस फील्ड में काम करने का कारण यह था कि मुझे काफी अच्छे प्रोजेक्ट भी मिल रहे थे।

इस दौरान ही उन्हें रोबोटिक्स के ऊपर एक पेपर प्रेजेंटेशन करने का ऑस्ट्रेलिया में मौका दिया गया, इस दौरान मैंने लोगों को दीवाल मैं चिपकने वाला जमीन पर चलने वाला हवा में उड़ने वाले रोबोट के बारे में जानकारी दी थी ।

वह कहती हैं कि मैंने रोबोट के विषय को इस प्रकार दिखाया कि कितने सारे मजदूर ऊंची ऊंची बिल्डिंग को पर चढ़कर काम करते हैं और गिर कर उनकी जान चली जाती है परंतु अगर इस दौरान रोबोट का इस्तेमाल किया जाए तो लोगों की जान बच सकती है ।

अमेरिका में मिला इंटर्नशिप करने का मौका

वह बताती है कि मुझे जूनियर्स को रोबोट डेवलप करने के बारे में जानकारी देने का कार्य सौंपा गया इस दौरान ही मुझ में लीडरशिप क्वालिटी आई और मेरा आत्मबल बड़ा इसके कुछ समय बाद ही मुझे अमेरिका में इंटरशिप का मौका दिया गया।

वह बताती है कि अमेरिका में इंटर्नशिप के दौरान उन्होंने एटलस रोबोट के ऊपर काम किया जो कि दुनिया का सबसे एडवांस रोबोट है , यह रिपोर्ट पूरी तरह से इंसानों की तरह काम करता है वह बताते हैं कि रोबोट को किस तरह से काम करना चाहिए किस प्रकार से हाथ उठाना चाहिए इन सभी चीजों मिलाकर इन सभी रोबोटिक प्रोसेसिंग पर राजेश्री ने काम किया ।

नौकरी भी मिली और कोफाउंडर भी बनी है राजेश्री

राजेश्री बताती है कि अमेरिका में इंटरशिप करने के बाद मेरा मकसद था कि मैं मास्टर भी अमेरिका से करूंगी परंतु कोरोना की वजह से हम सभी घर में सिमट कर रह गए, जब मैं घर में थी तो मुझे वेक्रोस (VECROS) मैं नौकरी मिल गई ।

इस दौरान मेरे काम को देख कर कंपनी ने मुझे को- फाउंडर बना दिया और आज मैं इस कंपनी के साथ मिलकर रोबोट और ड्रोन बनाने का काम करती हूं ।

यह है सपना

राजेश्री कहती है कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था गांव की एक लड़की ऑस्ट्रेलिया अमेरिका घूम कर आ जाएगी और कभी रोबोट और ड्रोन बनाने के क्षेत्र में कार्य करेगी ‌।

राजेश्री कहती है कि मेरा सपना है कि हर लड़की रोबोट बनाए और हर घर में रोबोट हो  ताकि सभी का काम आसान हो , वह कहती है कि ड्रोन ना केवल  मीडिया की सुविधा को बढ़ाता है परंतु इसके साथ ही साथ देश की सुरक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है ।

 

लेखिका : अमरजीत कौर

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